श्रावस्ती जनपद के इकौना क्षेत्र स्थित सीताद्वार मंदिर में दीपावली के अवसर पर 51,000 दीपक प्रज्ज्वलित किए गए। इस दीपोत्सव से भगवान लवकुश की जन्मस्थली माता सीता का मंदिर दीपों की रोशनी से जगमगा उठी। कार्यक्रम में जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक राहुल भाटी, विधायक राम फेरन पांडेय और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। विधायक राम फेरन पांडेय ने बताया कि अयोध्या में मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रहे दीपोत्सव की तर्ज पर यह आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि मां जगत जननी सीता, भगवान लवकुश और महर्षि वाल्मीकि की इस भूमि पर 51,000 दीप जलाए गए हैं, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के लोगों के यश और वैभव में वृद्धि करना है। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस आयोजन में स्कूली छात्रों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे उनके मनोबल को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि अयोध्या की भांति जनपद में भी दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित कर 51,000 दीप प्रज्ज्वलित किए गए, ताकि भगवान श्रीराम के समय की पवित्रता और आध्यात्मिकता का अनुभव कराया जा सके। सीताद्वार लव-कुश की जन्मभूमि के रूप में विख्यात है, जहां महर्षि वाल्मीकि का आश्रम था। श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश में स्थित यह एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम द्वारा त्यागे जाने के बाद सीता को यहीं महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में छोड़ा गया था, और यहीं पर लव-कुश का जन्म व पालन-पोषण हुआ। इस स्थान पर एक प्राचीन सीता द्वार झील और एक सुंदर उद्यान भी है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां एक भव्य मेला लगता है। यह भी माना जाता है कि यहां की प्राचीन झील लक्ष्मण जी द्वारा छोड़े गए तीर से निकली पानी की धारा से बनी थी।