हरियाणा के झज्जर जिले के जैतपुर गांव के सुमित नागल ने विश्वग्रुप डेविस कप में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भारत का नाम रोशन किया है। 32 साल बाद किसी यूरोपीय टीम को हराते हुए सुमित ने स्विट्जरलैंड को 3-2 से मात दी और देश का परचम विश्व पटल पर लहराया। उनकी इस उपलब्धि से न केवल परिवार और जिले का, बल्कि पूरे देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। सुमित नागल के पिता सुरेश कुमार ने कहा, “बचपन से ही सुमित का रुझान टेनिस की ओर था। उसने 7 साल की उम्र में खेलना शुरू किया और आज उसकी मेहनत रंग लाई है। बेटे की जीत ने हमारा और पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।” गौरतलब है कि भारत ने 1993 में फ्रांस को हराया था। जिसके लंबे इंतजार के बाद अब भारत ने स्विट्जरलैंड में 12- 13 सितंबर को आयोजित डेविस कप लॉन टेनिस मैच में जीत दर्ज की। सुमित ने 7 साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू किया सुमित के पिता सुरेश नागल दिल्ली में जेबीटी प्राइमरी टीचर हैं। वहीं उनकी मां कृष्णा देवी घर पर ही रहती हैं और उनकी एक बड़ी बहन साक्षी है, जो दिल्ली में टीजीटी टीचर हैं। उनके पिता ने बताया कि सुमित ने 12वीं की पढ़ाई हरियाणा बोर्ड से पूरी की और रांची से बीए की पढ़ाई की है। पिता सुरेश कुमार ने बताया कि बचपन में सुमित क्रिकेट भी खेलता था और 7 साल की उम्र में ही टेनिस खेलने लग गया था। उसका बचपन से ही टेनिस खेलने में रुझान था। बेटे की जीत ने उनका व पूरे देश का सीना गर्व से चौड़ा किया है। जिला खेल अधिकारी ने दी बधाई सुमित नांगल की इस ऐतिहासिक जीत पर जिला खेल अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि झज्जर जिले के बेटे ने पूरे भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में लॉन टेनिस के लिए कोई कोच नहीं है और खिलाड़ी अक्सर बाहर से प्रशिक्षण लेते हैं। सत्येंद्र कुमार ने कहा कि सुमित की इस जीत से देश के अन्य खिलाड़ियों का भी मनोबल बढ़ेगा और भारत लॉन टेनिस में नई ऊंचाइयों को छुएगा।