गाजीपुर के जंगीपुर थाना क्षेत्र निवासी गोलू उर्फ अमित कुमार गुप्ता को हत्या के एक मामले में जिला सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया है। अमित कुमार गुप्ता लगभग तीन साल से जेल में बंद थे। न्यायालय ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से मुक्त किया। मामले की सुनवाई जनपद न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडे की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में कुल नौ गवाह पेश किए थे। हालांकि, अभियोजन पक्ष अभियुक्त अमित कुमार गुप्ता के खिलाफ आरोप साबित करने में असफल रहा। न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में अभियुक्त की घटना में संलिप्तता नहीं मानी। यह भी सामने आया कि अभियुक्त के पास अपना मुकदमा लड़ने के लिए आर्थिक संसाधन नहीं थे। ऐसे में जनपद न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडे ने स्वयं पहल की। उन्होंने सरकारी अधिवक्ता रतन जी श्रीवास्तव (चीफ लीगल काउंसिल) के माध्यम से अमित कुमार गुप्ता का बचाव सुनिश्चित कराया। जेल में बंद अमित कुमार गुप्ता के परिवार से किसी ने भी उनका केस लड़ने के लिए अदालत तक संपर्क नहीं किया, यहां तक कि उनकी पत्नी ने भी कोई प्रयास नहीं किया। इसके बाद जनपद न्यायाधीश ने सरकारी वकील उपलब्ध कराया, जिसके परिणामस्वरूप सुनवाई के बाद आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया।