बिलग्राम तहसील में किसानों से किसान बही के लिए जमा कराए गए 95 हजार 330 रुपए का हिसाब नहीं मिल रहा है। यह मामला महालेखाकार और लोक लेखा समिति तक पहुंचने के बाद तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया है। उपजिलाधिकारी ने अभिलेखों के गायब होने की आशंका जताते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। ऑडिट नोट के अनुसार, वर्ष 1996 में बिलग्राम तहसील में किसानों को 1,11,400 किसान बही वितरित की जानी थीं। इनमें से 82,600 बहियां बांटी गईं। इनके एवज में वसूले गए रुपयों में से 7,30,670 रुपए ही खजाने में जमा कराए गए। शेष 95,330 रुपए का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। इस अनियमितता पर महालेखाकार ने आपत्ति दर्ज की और मामला लोक लेखा समिति को भेजा। समिति ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पूर्व जिलाधिकारी द्वारा भी इस संबंध में जांच और धनराशि की पुष्टि के आदेश दिए गए थे, लेकिन यह मामला अब तक लंबित है। मौजूदा उपजिलाधिकारी एन. राम ने दावा किया है कि किसानों को वितरित सभी बहियों के अभिलेख तहसील में दर्ज हैं और कोई राशि बकाया नहीं है। हालांकि, उन्होंने अभिलेखों के गायब होने की संभावना को स्वीकार करते हुए जांच कराने की बात कही है।