हाथरस भगदड़ मामले में गुरुवार को न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) के एक हेड कॉन्स्टेबल ने गवाही दी। मामले की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को निर्धारित की गई है। पिछले साल 2 जुलाई को सिकंद्राराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में हुई इस घटना में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 121 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। आरोपी पक्ष के वकील मुन्ना सिंह पुंडीर ने बताया कि सुनवाई के दौरान एलआईयू के हेड कॉन्स्टेबल गौरव कुमार की गवाही हुई। उन्होंने न्यायालय को बताया कि एलआईयू को कार्यक्रम स्थल पर भारी भीड़ होने की आशंका थी। इसकी जानकारी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भी दी गई थी, इसके बावजूद कार्यक्रम की अनुमति दे दी गई। अधिवक्ता के अनुसार, हेड कॉन्स्टेबल ने अपनी गवाही में कहा है कि यह एक हादसा था, कोई साजिश नहीं। पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ 3200 पेज का आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें 676 गवाहों के बयान शामिल हैं। सभी आरोपियों की हो चुकी है जमानत न्यायालय में सभी आरोपियों पर आरोप तय हो चुके हैं और उन्हें जमानत भी मिल चुकी है। आरोपियों में देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, रामप्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह शामिल हैं। अधिवक्ता ने यह भी कहा कि यह घटना पुलिस की लापरवाही का परिणाम थी, जिसके चलते कुछ पुलिसकर्मी निलंबित भी हुए थे।