हाथरस में शनिवार को देवोत्थान एकादशी का पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन से सभी शुभ कार्यों और विवाह समारोहों की शुरुआत हो गई। महिलाओं ने घरों के आंगन में गेरू और खड़िया से रंगोली सजाई तथा सूप बजाकर 'उठो देव, जागो देव' का आह्वान किया। भक्तों ने गन्ने से चौकी सजाकर सिंघाड़े, फूलमाला और फलों से भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की। सुबह लकड़ी की चौकी के चारों ओर गन्ना बांधकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को विराजमान किया गया। इसके बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की आरती उतारी गई। सुबह से ही शहर के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा के साथ मंदिरों में पूजा-अर्चना की और फिर अपने घरों में भी भगवान विष्णु की आराधना की। सहालगों की हुई शुरुआत देवोत्थान एकादशी के साथ ही विवाह समारोहों (सहालग) का शुभारंभ हो गया। शहर की सभी धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस शादियों के लिए पूरी तरह बुक रहे। शहर से लेकर देहात तक शादी समारोहों की धूम रही, जिसके चलते धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस सजे हुए दिखाई दिए। पर्व के अवसर पर बाजार में गन्ने, पूजा सामग्री, सब्जियों और फलों की जमकर बिक्री हुई। शहर के ज्यादातर चौराहों पर गन्ने के विक्रेता मौजूद थे, जहां सुबह से ही खरीदारी के लिए भीड़ लगी रही। शादी समारोहों के कारण शहर के तालाब चौराहा सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर यातायात जाम की स्थिति बनी रही। ट्रेनों और बसों में भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।